ऐसी बातें रेत पर लिखो… | Very Short Story for Kids in Hindi
दोस्तों, हमारे जीवन में ऐसा कही बार होता हैं की हमारे साथ किसी ने बुरा बर्ताव किया तो हम उसे दिल से लगा लेते हैं और दिमाग में उसी बुरे बर्ताव के बारेमें सोचते हुए अपनी पूरी जिंदगी बिताते हैं, आज हम आपको उसी बुरे बर्ताव पर हमें कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहियें ये इस छोटीसी कहानी- Very Short Story for Kids के जरियें बताएँगे –
ऐसी बातें रेत पर लिखो – Very Short Story for Kids
यह कहानी दो सच्चे दोस्तों की है, जो रेगिस्तान पार कर रहे थे. रास्ते में उनका किसी बात पर झगड़ा हो गया और एक दोस्त ने दूसरे दोस्त को गुस्से में आकर थप्पड़ मार दिया. दूसरे दोस्त को इस बात से दिल पर बहुत ठेस पहुंची, और तो उसने रेत पर एक लकड़ी से लिखा
“आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने छोटा सा झगड़ा होने पर थप्पड़ मार दिया“
रेगिस्तान में वे एक दुसरे को छोड़कर नहीं जा सकते थे, इसलिए उन्होंने सफर जारी रखा और सोचा मंज़िल पर पहुँचकर इस झगडे को सुलझाया जायेगा.वे आपस में बिना बात किये, साथ साथ चलते रहे, आगे उन्हें एक बड़ी झील मिली. उन्होंने इस झील में नहाकर तरोताज़ा होने का फैसला किया.
झील के दुसरे किनारे पर एक बहुत खतरनाक दलदल था, वह दोस्त जिसे चांटा मारा गया था, तैरते तैरते झील के दुसरे किनारे पर, और इस दलदल में जा फंसा, और डूबने लगा. उसके दोस्त ने जब यह देखा, तो वह भी तुरंत उस तरफ तैर कर आया और अपने दोस्त को बड़ी मशक्क़त के बाद, बाहर निकल लिया. जिस दोस्त को दलदल से बचाया गया था उसने झील के किनारे एक बड़े पत्थर पर लिखा
“आज मेरे दोस्त ने मेरी जान बचाई”
दूसरे दोस्त ने यह देखकर पुछा “जब मैंने तुम्हे थप्पड़ मारा था तो तुमने उसे रेत पर लिखा ! लेकिन जब मैंने तुम्हारी जान बचाई तो तुमने पत्थर पर लिखा, ऐसा क्यों!!! ?”
दूसरे दोस्त ने जवाब दिया “जब हमें कोई दुःख पहुंचाता है तो हमें इसे रेत पर लिखना चाहिए, जहाँ वक़्त और माफ़ी की हवाएँ उसे मिटादें”
लेकिन जब कोई हमारे साथ अच्छा बर्ताव करे, तो हमें उसे पत्थर पर लिखना चाहिए, जहाँ उसे कोई मिटा ना सके।
सिख-
जीवन में होने वाली बुरी घटनाओ कों ज्यादा समय तक दिल में नहीं रखना चाहियें, और अच्छी घटनाओं की याद के साथ अपने जीवन ख़ुशी से व्यतीत करना चाहियें।
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